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Showing posts from January, 2024

Social Aspects & Relationships B218

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सोशल साइट्स और संबंध रिश्तों में संवादहीनता ला रहा दुनिया से जोड़ने वाला मोबाइल , यह माने या न माने, वास्तविकता में मोबाइल के हद से ज्यादा उपयोग से सामाजिक रिश्तों में हम सब की , समाज की दिक्कतें बढ़ी हैं। मोबाइल फोन के अनुचित उपयोग के कारण आपसी रिश्तों को नुकसान पहुंचाने वाली जो नई आदतें बन रही हैं, उनमें फबिंग भी शामिल है। स्मार्ट फोन पर चिपके रहने के कारण जब आप अपने करीबी रिश्ते को इग्नोर करते हैं, तो उसे फबिंग कहा जाता है। फबिंग एक ऐसा शब्द है जो स्मार्टफोन की लत से जुड़ा है। यह शब्द फोन और स्नबिंग से मिलकर बना है। ( स्नबिंग का मतलब होता है अनादर करना या फिर अनदेखी करना )। जो लोग दोस्तों, परिवार और समाज में लोगों के बीच बैठकर फोन में ज्यादा ध्यान देते हैं, या कह लीजिए कि अब वो मोबाइल पर ही निर्भर हो गए हैं , मोबाइल ही अब उनकी दुनिया है । यह शब्द ऐसे लोगों के लिए प्रचलित है। स्मार्टफोन के इस्तेमाल और फबिंग को लेकर की गई एक स्टडी के मुताबिक लगभग 32 प्रतिशत लोग दिन में कम से कम 3 से 4 बार लोगों के बीच फबिंग करते हैं। फबिंग का नकारात्मक प्रभाव आपके सामाजिक, पारिवारिक जीवन और मानसिक स्व...

Importance of Temple B217

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मन्दिर का महत्व :- भगवान् ( ईश्वर, देवता , ऋषि , संत गण ) का मन्दिर इस कलियुग और दिन-प्रतिदिन के जीवन के व्यस्त भौतिक संसार में ध्यान और भक्ति  द्वारा मनुष्य के विकास व मोक्ष हेतु महान् अवसर उपलब्ध कराता है। स्वामी शिवानन्द ने कहा है कि मन्दिर का परिसर इतना पवित्र होता है और शान्ति प्रदान करता है जो और किसी वातावरण में नहीं मिल सकती। सम्पूर्ण क्षेत्र में दिव्य तरंगें होती हैं। दिन के तीनों कालों में नियमित पूजा, वेदों के पवित्र विशेष मन्त्रों के उच्चारण से मन्दिर का मंगलकारी वातावरण दिन-प्रतिदिन श्रेष्ठ और श्रेष्ठ होता जाता है और यह मानव की आत्मा को बहुत ऊपर उठा देता है। मनुष्य जिस शांति की खोज में लगा है उसका प्रारम्भिक चरण यही से प्रारम्भ होता है । वह मन्दिर जहाँ परमेश्वर की प्रतिमा स्थापित है, वह एक पवित्र स्थान है और यह एक शक्तिशाली आध्यात्मिक प्रभाव फैलाता है जो लोगों के मनों को उच्चतम पवित्रता की स्थिति में रूपान्तरित कर देता है। प्रार्थना, जागरण, अभिषेक और अर्चना के द्वारा मन्दिर में जो नित्य पूजा की जाती है, वह सारे वातावरण को पवित्रता तथा वैभव से युक्त कर देती है और जब मन्...

No One Should Remain Hungry Campaign B216

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आज दिनांक 14 जनवरी 2024 को जीव आश्रय फाउंडेशन के साथ मिलकर गोमतीनगर लखनऊ स्थित स्थान पर कोई भूखा न रहे अभियान के तहत मानवाधिकार एक्शन फोरम , लखनऊ द्वारा आयोजन किया गया । जिसमें राष्ट्रीय सचिव प्रशांत शर्मा ने बताया कि कोई भूखा न रहे अभियान के तहत समय समय पर नागरिकों को हम सुविधा उपलब्ध कराते रहते हैं परन्तु अबकी बार हमनें घायल बेसहारा जानवरों को प्रार्थमिकता दी है । जीव आश्रय से हर्षित ने कहा कि कंपाउंड मैं जानवरों के सामान्य इलाज के साथ साथ क्रिटिकल यूनिट भी है जिसे डॉक्टरों द्वारा समुचित इलाज की व्यवस्था की जाती है और समय समय पर सभी जानवरों को खाना दिया जाता है   इसी के साथ जिला महासचिव लखनऊ प्रतीक विक्रम सिंह ने भी नागरिकों से अपील की ज्यादा से ज्यादा लोग इस तरह के अभियान कार्यक्रम में शामिल हो क्योंकि जीव तो जीव है चाहे वह मनुष्य हो या जानवर सभी के सेवा के लिए सबको आगे आना चाहिए । कार्यक्रम को सफल बनाने में  पिंकी साहू , वेदांत पांडेय , रवि प्रकाश पांडेय , फैज़ अहमद , प्रदीप कुमार सिंह , काजल रावत , हर्षित का काफी योगदान रहा ।

Glory of prasad B215

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प्रसाद की महिमा :- प्रसाद वह है जो शान्ति प्रदान करे । कीर्तन, पूजा, हवन और आरती में भगवान् को बादाम, किशमिश, दूध, मिठाइयाँ और फल आदि अर्पित किये जाते हैं, वे भगवान् को अर्पित करने के पश्चात् घर के सदस्यों या मन्दिर में भक्तों के मध्य वितरित कर दिये जाते हैं। बिल्व-पत्र, पुष्प, तुलसी, विभूति आदि से पूजा की जाती और बाद में इन्हें प्रसाद के रूप में वितरित कर दिया जाता है । भस्म भगवान् शिव का प्रसाद है। यह मस्तक पर लगायी जाती है और थोड़ी खायी जाती है। कुंकुम श्री देवी या शक्ति का प्रसाद है। इसे दोनों भौंहों के मध्य (आज्ञा या भ्रूमध्य) में लगाते हैं। तुलसी भगवान् विष्णु, राम या कृष्ण का प्रसाद है। इसे खाते हैं। ये सभी पूजा और हवन के समय बोले जाने वाले मन्त्रों से गुप्त शक्तियों से आवेशित हो जाते हैं । भोग अर्पित करने वाले भक्त का भगवान् के प्रति जो मानसिक भाव होता है, उसका सर्वाधिक प्रभाव होता है। यदि कोई लगनशील ईश्वर का भक्त भगवान् को कुछ अर्पित करे और वह प्रसाद लिया जाये, तो यह नास्तिक लोगों के मन पर भी बड़ा प्रभाव डालता है और उन्हें परिवर्तित कर देता है। प्रसाद से की कृपा प्राप्त होती ह...

RASHTRIYA SACHIV HRAF, New delhi B214

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 राष्ट्रीय मानवाधिकार एक्शन फोरम के राष्ट्रीय सचिव बने प्रशांत , राष्ट्रीय हिंदी समाचार पत्र , स्पष्ट आवाज़ लखनऊ ,कानपुर , गोरखपुर , ललितपुर संकरण 4 जनवरी 2024 *प्रशांत शर्मा राष्ट्रीय मानवाधिकार एक्शन फोरम में  राष्ट्रीय सचिव मनोनीत*। समाज सेवा के समर्पण हेतु राष्ट्रीय मानवाधिकार एक्शन फोरम के प्रशांत शर्मा को राष्ट्रीय सचिव मनोनीत किया गया है। राष्ट्रीय मानवाधिकार एक्शन फोरम के राष्ट्रीय अध्यक्ष शुभम द्विवेदी ने राष्ट्रीय पदाधिकारियों कि सूची जारी करके सभी को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह संगठन अन्याय कि अन्त के लिए चरणबद्ध हैं और समाज कल्याण साक्षरता व उपभोक्ता अधिकार, घरेलू हिंसा, भ्रस्टाचार विरोधी, अपने संस्कृति रक्षा, शिक्षा के अधिकारों का उलंघन , सब स्वस्थ रहें , ओढेगा भारत , कोई भूखा न रहे अभियान के मद्देनजर काम करती है। इसके लिए समाजसेवी प्रशांत जे. के. शर्मा के कलम से साहसिक, कर्मठ व निष्ठा कार्यों के साथ लेखन द्वारा समाज कि आवाज को मंजिल तक पहुंचने में सफलता के साथ कामयाबी हासिल की है। उन्होंने आगे कहा की समाज कल्याण के लिए इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाने के साथ संगठन ...

Important role in worship B213

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हिन्दू प्रतीकों का दर्शन एवं महत्व :-  मंदिर घर हो या बाहर घंटी बजाने का महत्व क्या है ? ज्योति -दिप -दीया प्रज्वलित करने का महत्व ? धूप-अगरबत्ती प्रज्वलित करने का महत्व ? कर्पूर प्रज्वलित करने का महत्व ? चंदन लगाने का महत्व ? पूजा अर्चना करने के समय इन सभी क्रिया कलाप करने व इसके के महत्व को जानते है । १- पूजा करते समय घण्टियाँ इसलिए बजायी जाती हैं जिससे बाह्य ध्वनियाँ न सुनायी पड़ें और मन अन्तर्मुखी तथा एकाग्र हो सके। २-देवता के सामने जलायी जाने वाली ज्योति यह बताती है कि ईश्वर ज्योतिस्वरूप है। वह प्रकाश ही है। भक्त कहता है— “हे भगवान्! आप ब्रह्माण्ड की स्व-प्रकाश्य ज्योति हैं। आप ही सूर्य, चन्द्र और अग्नि को प्रकाशित करते हैं। मेरी बुद्धि को भी प्रकाशित करें।” यही ज्योति जलाने का महत्त्व है। ३-धूप देवता के सामने जलायी जाती है। इसका धुआँ सारे कमरे में फैल जाता है। यह एक रोगाणुमुक्त करने की क्रिया है। जैसे घरों में लौहबान का धूप प्रज्वलित करना (पॉजिटिव एनर्जी को बढ़ाता है) धूप जलाना इस बात का संकेत करता है कि भगवान् सर्वव्यापक हैं और सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड में उनकी उपस्थिति है। भक्त ध...