CAA & NRC LAW B219
राष्ट्रीय हिंदी समाचार पत्र स्पष्ट आवाज़ ४फरवरी २०२४ लेख ।
क्या है CAA और NPR & NRC LAW ।
वर्तमान में सबसे ज्वलंत मुद्दों में से है CAA और NRC कानून का मुद्दा , हर जगह इसकी चर्चा हो रही है कोई कहता है इसे लागू किया जाना चाहिए कोई कहता है नही इससे नुकसान होगा । (आज दिनांक 12 मार्च 2024 को पूरे देश में CAA नागरिकता अधिनियम संशोधन 2019 को लागू कर दिया गया है ।) संशोधन अधिनियम2019 के पहले भारत की नागरिकता पाने के लिए कम से कम 11 साल तक भारत में रहना आवश्यक था ।अब नागरिकता संसोधन अधिनियम 2019 के अंतर्गत इस नियम को आसान बनाया गया है । कानून को जानना आवश्यक है कि यह क्यों है किस कारण यह कानून लाया जा रहा है । कहा जा रहा है कि एक सप्ताह तक पूरे देश में यह नया कानून लागू होने जा रहा है, तो आइए जानते हैं क्या है , नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019, CAA- Citizenship Amendment Act , और राष्ट्रीय जनसंख्या पंजीकरन, राष्ट्रीय नागरिकता पंजीकरन NPR- National Population Register और NRC- National Register of Citizens . इसे लेकर देश का बड़ा वर्ग बहुत ही परेशान है। आइये जानते है इसके बारे में। नागरिकता प्रदान करने के लिए पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन भी होगी। इसके तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक उत्पीडन के कारण 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत आए हों, इनमें छह समुदायों हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई लोगों को भारतीय नागरिकता दी जाएगी। जिनको वहाँ से प्रताड़ित करके भगाया गया है। उनको सभी को नागरिकता देने के सम्बन्ध में प्रावधान है। इस संशोधन में अहमदिया, सूफी, म्यांमार के रोहिंग्या, श्रीलंका से तमिल, राजनीतिक असहमति से पाकिस्तान में सताए गए व्यक्तियों को बाहर रख्खा गया है। एन.आर.पी. और एन.आर.सी., नेशनल रजिस्टर ऑफ सीटीजन, भारतीय नागरिकों के नाम वाला रजिस्टर है, विदेशी बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान करने के लिये असम राज्य को अपडेट किया गया है। असम में एन.आर.सी. को अपडेट करने का मूल उद्देश्य है की असम में जो घुसपैठिये है विदेशी नागरिक है और भारतीय नागरिक है उनमें पहचान करना है और घुसपैठियों को बाहर निकालना है। क्योंकि राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के उद्देश्य में असम के नागरिकों का दावा है कि बांग्लादेशी प्रवासियों ने उनके अधिकारों को लूट लिया है और इनका हनन कर वे राज्य में हो रही आपराधिक गतिविधियों में संम्मलित है। इसलिए इन शरणार्थियों को उनके देश में वापिस भेज दिया जाना चाहिए। इन बांग्लादेशी घुसपैठियों ने 1971 के बांग्लादेशी युद्ध के समय भारत में प्रवेश किया एन.आर.सी. के अनुसार केवल वे व्यक्ति जो 25 मार्च 1971 से पहले असम के नागरिक थे या उनके पूर्वज असम के थे उन्हें भारतीय नागरिक माना जाता है। अब नये कानून के अनुसार NRC के माध्यम से उन लोगों को भारत का नागरिक माना जायेगा जोकि 24 मार्च 1971 को या फिर इससे पहले से भारत के नागरिक है। वहीं CAA में उन लोगों को भारत की नागरिकता दी जाएगी जो कि दिसम्बर 31, 2014 को या इससे पहले भारत देश में आये थे। NRC को अभी केवल असम राज्य में लागू किया गया है। जबकि CAA के प्रावधान पूरे देश में लागू है। NRC मुख्य रूप से बांग्लादेश से आने वाले घुसपैठियों को बाहर निकालने के लिए लागू किया गया है। जबकि CAA में पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश के अवैध प्रवासियों को नागरिकता देने के लिए बनाया गया है।
( NRC का धर्म से कोई लेना देना नहीं है अर्थात् जो भी विदेशी है जिसने घुसपैठ किया है इसे देश छोड़कर जाना होगा या उसे बाहर किया जाएगा। जिसका नाम इस रजिस्टर में नहीं होगा। )
( CAA में जिन्हें धार्मिक रूप से प्रताड़ित होकर भारत में आये है ऐसे लोगों को नागरिकता दि जाएगी तो इसका सम्बंध धर्म से है धार्मिक प्रताड़ना से है। इनमें बांग्लादेश, अफगानिस्तान, पाकिस्तान देश शामिल है। )
अब जब की देश में CAA - नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019, NPR - राष्ट्रीय जनसंख्या पंजीकरन के आधार पर NRC- राष्ट्रीय नागरिकता पंजीकरन कानून लागू होने जा रहा है , इससे एक बात तो साफ हो गई है की अब सभी को अपने पूर्वजों से लेकर नवजात पीढ़ी तक के सभी सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त कागजात, सभी आई डी. प्रूफ, आवास का कागजात , जमीन के कागजात स्पष्ट रूप से सभी को पीढ़ी दर पीढ़ी तिजोरी में सवार कर रखने होंगे ।
लेख :- प्रशांत शर्मा
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