Cyber Crime B187
पुस्तक मेला 17 से 26 मार्च 2023 रवींद्रालय चारबाग लखनऊ में चल रहे उत्सव में साइबर अपराध पर गोष्ठी का आयोजन नवोन्मेष कुछ तो कहो सीजन 18 में आशिष जी की अध्यक्षता में साइबर अपराध पर समाज के सम्मानीत गणमान्य वक्तावों ने अपने विचार रखें जिनमें साइबर क्राइम ब्राच के अधिकारी सौरव मिश्रा, अजय जी ने जागरूकता के लिये बताया की सभी लोग अपने फेसबुक प्रोफाइल को लॉक कर के रखें, व्हाट्सऐप के टू-स्टेप वैरिफिकेशन सिक्योरीटी को एक्टिव कर लें । साइबर अपराध होने पर अजय ने बताया कि आप 9454457953/ 54 पर भी कॉल कर सकते हैं। इसी के साथ कार्यक्रम के मुख्य अतिथी प्रशान्त शर्मा ने बताया की जागरूकता के लिये कक्षा नौ से हि बेसीक लॉ को पाठ्यक्रम में सम्मलित करें एवं साइबर हेल्प लाइन नंबर 1930 को जन जन तक पहुँचायें जिससे की साइबर अपराध में कमी आये ।
गणमान्य वक्ताओं में गोविन्द जी ने बताया की अपना मोबाइल , लैपटॉप विश्वसनीय व्यक्ति को ही दें किसी अनजान व्यक्ति को न दें। श्रीमति शालीनी चन्द्रा ने बताया की कोई साइबर अपराध की घटना यदि आपके साथ हो जायें तो सर्वप्रथम अपने परिवार में पति, पिता, माँ, भाई, बहन को बतायें जिससे की अपराधी आपके साथ आगे का अपराध न कर सके | दिपेश कुमार जी ने बताया की ऑन लाइन खरीदारी करें पर सावधानी पूर्वक नियम व शर्ते पढ़कर हर किसी को ओटीपी न दें। यही बात प्रखर जी ने बताई आदर्श जी ने बताया कि ट्रू कॉलर ऐप आप की सभी व्यक्तिगत डाटा जैसे बैंक से लेकर दिन भर में आपने कितने नम्बर पर बात की आदि सभी जानकारी रख लेता है। ऐसे ऐप के नियम को जानने के बाद हि आप अपने मोबाइल में ऐड करें अन्यथा नहीं। सुवेश जी ने बताया की उच्च तकनीकी को कैसे सुरक्षित रखना है इसकी अज्ञानता को दूर करना है। क्राइम ब्रान्च सौरव मिश्रा व अजय ने बताया की साइबर अपराधी कैसे ठगते हैं, इससे बचने के लिये पहले जो भी मैसेज आपके मोबाइल में आया है। उसे ध्यान से पढ़े तभी टच करें। आजकल मोबाइल, लैपटॉप स्क्रीन शेयरींग ऐप के जरीये भी साइबर अपराध हो रहा है। ऑफीशियल ऐप को ही डाउनलोड करें। कोई भी ऐप ज्यादा व्यक्तिगत जानकारी मांगता है तो इसे डाउन लोड न करें ।अतिरिक्त निजी सूचना न दें । एप डिस्क्रीपशन से मालूम पड़ जाता है यदि व्यक्तिगत सूचना ज्यादा मांग रहा है तो यह सही एप नहीं है। कोई भी संस्था फोन पर व्यक्तिगत जानकारी नही मांगता है यह गाठ बांध लिजिये। फोन पर कोई भी डेटा मत दीजिये । अपना डेबिट व क्रेडिट कार्ड किसी भी परिस्थिती में किसी अन्य को न दें। आधार कार्ड को डिसेबल कर के रखें UIDI साइड पर जाकर डिसेबल कर दें। कार्ड क्लोन से बचने के लिये गार्ड सुरक्षा वाले ATM पर ही जायें | जिस नंबर से बैंक एकाउण्ट लिंक हो वह मोबाइल बच्चों को न दें । गेम खेलते वक्त बच्चों से साइबर अपराध हो सकता है , रुपये ट्रांसफर हो सकते हैं। साइबर अपराध हो जाने के बाद साइबर अपराध हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत करने के समय अपराध होने वाले लिंक URL ID जरूर निकाल लें अन्यथा ऑफिसर आपकी मदद नही कर पायेगा । तकनीक जानकारी के अभाव में और लालच में आने के कारण हम सभी से साइबर अपराध जाने अनजाने में हो जाता है । ये तमाम जानकारी साइबर अपराध गोष्ठी में दी गई ।
नोट :- ऐसे किसी भी धोखाधड़ी वाले मैसेज से सावधान रहें जो आपको अतिरिक्त मोबाइल डेटा का फ़ायदा लेने के लिए किसी लिंक पर क्लिक करने के लिए कहें. ईमेल या एसएमएस के माध्यम से प्राप्त किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें. ओटीपी और किसी अन्य गोपनीय वित्तीय जानकारी को चुराने के लिए धोखेबाज आपके डिवाइस को “मिरर” कर सकते हैं. कृपया कोई भी पिन, पासवर्ड, ओटीपी, लॉगिन आईडी, डेबिट/क्रेडिट कार्ड नंबर, सीवीवी, समाप्ति तिथि आदि किसी को भी न दें. सतर्क रहें, सुरक्षित रहें.
https://lucknowfocus.com/cyber-u200bu200blaw-prashant-sharma-should-be-in-the-syllabus-of-class-nine/
साइबर क्राइम क्या है ?
आज के समय में इंटरनेट के माध्यम से सोशल नेटवर्किंग, ऑन लाइन शॉपिंग, डेटा स्टोर, गेमिंग, ऑनलाइन स्टडी, ऑनलाइन जॉब , ऑन लाईन प्रवेश परीक्षा, में इंटरनेट का उपयोग लगभग अब हर क्षेत्र में किया जाता है। इससे संबंधित लाभों के कारण साइबर अपराधों का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। इसका एक प्रमुख कारण और भी है की इन अधिकतर सोशल नेटवर्किंग साइट्स के सर्वर विदेशों में है। इसके कारण इनकी जड़ तक पहुँच पाना आसान नहीं है। कंप्यूटर और इंटरनेट द्वारा किया गया अपराध साइबर अपराध के इलेक्ट्रॉनिक अपराध के श्रेणी में आता है। इसमें कंप्यूटर, नेटवर्क डिवाइस के द्वारा देश के गोपनीय दस्तावेज, व्यावसायिक गोपनीय दस्तावेज के डाटा की जानकारी व उसकी चोरी, नेटवर्क के द्वारा जबरन वसूली, क्रेडिट कार्ड बैंक एकाउण्ट के नेटवर्क द्वारा डेटा हैक कर धोखाधड़ी , अवैध डाटा डाउनलोडिंग, साइबर स्टॉकिंग, कंप्यूटर डाटा में वाइरस का प्रसार, सॉफ्टवेयर की चोरी , हैकिंग , पोर्नोग्राफी , बच्चों व महिलाओं पुरुषों को ई मेल- व्हाट्सएप के जरिये तंग करना , ब्लैकमेल करना , पहचान चोरी कर बैंक के रुपये गायब करना , साइड हैक कर वाइरस फैलाना , नेटवर्क के द्वारा कंप्यूटर व मोबाइल को हैक कर लेना , किसी भी व्यक्ति की निजी व्यक्तिगत तौर पर चौबीस घंटे निगरानी करना अवैध रूप से व्यक्तिगत विशेषाधिकार का हनन करना सहित कई प्रकार की चोरी साइबर अपराध की श्रेणी में आता है।
साइबर अपराध न हो इसके लिये जागरुकता व सुधार की आवश्यकता है : → जागरूकता के लिये मानव संसाधन के विभिन्न स्तर पर सूचना सुरक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिये भारत सरकार ने सूचना सुरक्षा शिक्षा और जागरूकता परियोजना आरंभ की है। इसी तरह सरकार द्वारा कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम CERT - In की स्थापना की है और देश में साइबर अपराधों से निपटने के लिये साइबर स्वच्छता केंद्र की स्थापना हुई है। जनवरी 2020 में भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (14C) की स्थापना की गई। गृह मंत्रालय द्वारा पूरे देश में साइबर क्राइम क्षेत्र के रोकथाम के लिये इस योजना के अंतर्गतः घटकों की स्थापना की गई जो संपूर्ण भारत में कार्य करेगी इनके अंतर्गत
1) नेशनल साइबर क्राइम
2) नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल
3) संयुक्त साइबर अपराध जाँच दल के लिये मंच
4) राष्ट्रीय साइबर अपराध फोरेंसिक प्रयोगशाला पारिस्थितिकी तंत्र
5) राष्ट्रीय साइबर क्राइम प्रशिक्षण केंद्र
6) साइबर क्राइम इकोसिस्टम मैनेजमेंट यूनिट
7) राष्ट्रीय साइबर अनुसंधान और नवाचार केंद्र ।
ये सभी घटक देशभर में साइबर क्राइम पर दृष्टि रखें है एवं जागरूकता भी फैला रहे हैं । जैसे- समय-समय पर जनता के मोबाइल पर फ्रॉड से बचने के लिये एस.एम.एस. भारत सरकार , रिर्जव बैंक आदि संस्थानों द्वारा सभी को दि जाती है । मेरा मत है कि जागरूकता के साथ-साथ समाज के लोगों को, बच्चों युवाओं को बेसीक लॉ का ज्ञान होना चाहिए। भारतीय दंड संहिता की धाराएँ कक्षा नौ से एक सामान्य विषय के रूप में पाठ्यक्रम में सम्मलित होने से सभी को ज्ञान होगा और मालुम पड़ेगा की कौन सा अपराध करने से कौन सा दंड अपराधी को मिलेगा और इसका आगे क्या प्रावधान होगा तो निश्चित तौर पर अपराध में कमी आयेगी। जैसे की देखिये भारत में सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 में धाराएँ 43, 43ए, 66, 66बी, 66सी, 66डी, 66ई, 66 एफ, 67ए,67बी,70,72,72ए, 74 में हैंकिंग और साइबर अपराध करने से इसके अंतर्गत 2 वर्ष से लेकर उम्रकैद, दंड, या जुर्माने का प्रावधान है। यह ज्ञान समाज के बच्चों, युवाओं सभी को इसका ज्ञान स्पष्ट रूप से हो जाए तो ज्ञान के कारण अपराध कम हो जाते है। इसका यही निष्कर्ष निकलता है की बेसीक लॉ को पाठ्यक्रम में सम्मलित करें। डिजिटल भारत कार्यक्रम के अन्तर्गत साइबर क्राइम पर अंकुश पा सकते हैं। वहीं सोशल मीडिया के द्वारा जागरूकता अभियान सरकार से लेकर आम नागरिक तक को इस मुहिम का भाग बनना होगा। जैसे महिला हेल्पलाइन नंबर 1090 सबकी जुबान पर है यह महिलाओं की रक्षा के लिए होता है वैसे ही साइबर क्राइम हेल्पलाइन नम्बर 1930 का प्रसार प्रचार बड़े पैमाने पर होना चाहिए जिससे की हम सभी इस साइबर अपराध के गंभीर खतरों से बच सकें ।
🇮🇳जय हिंद🇮🇳
मुख्य अतिथि :- प्रशांत शर्मा
Comments
Post a Comment