What is GDP ? B166


राष्ट्रीय आय की धारणाएँ (Concepts of National Income):- 

राष्ट्रीय आय की अनेक धारणाएं हैं, जिनका वर्णन निम्न प्रकार हैं---

(1) सकल घरेलू उत्पाद (Gross Domestic Product )— सकल घरेलू उत्पाद (GDP) एक वर्ष के दौरान देश के भीतर उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं का कुल मूल्य होता है। इसकी गणना बाजार कीमतों पर की जाती है जिसे बाजार कीमतों पर GDP कहा जाता है।

*सकल घरेलू उत्पाद (GDP) मापने की विधियाँ (Methods of Measuring GDP) – सकल घरेलू उत्पाद (GDP) मापने के तीन भिन्न विधियां हैं-उत्पाद विधि आय विधि और व्यय विधि! सकल घरेलू उत्पाद मापने के इन तीनों तरीकों से समान परिणाम प्राप्त होते हैं। क्योंकि राष्ट्रीय उत्पाद = राष्ट्रीय आय = राष्ट्रीय व्यय । 

(a) उत्पाद विधि (Product Method)--इस विधि के अन्तर्गत वर्ष भर में विभिन्न उद्योगों में उत्पादित सभी वस्तुओं और सेवाओं का मूल्य जोड़ा जाता है। इसे GDP का मूल्य बढ़ाव विधि (value added method), या मूल उद्योग द्वारा साधन लागत (factor cost by industry of origin) पर GDP के रूप में भी जाना जाता है। यह देश में उत्पादन कर रही प्रत्येक इकाई (उद्योग) का वस्तुओं और सेवाओं के वर्तमान प्रवाह में कुल योगदान है।

(b) आय विधि (Income Method) - देश के वे लोग जो एक वर्ष में GDP उत्पादित करते हैं वे अपने कार्यों के बदले आय प्राप्त करते हैं। इस प्रकार GDP सभी साधनों की आय का जोड़ है: मजदूरी और वेतन + किराया + ब्याज + लाभ! 

(c) व्यय विधि ( Expenditure Method) – यह विधि एक वर्ष के दौरान देश के भीतर उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं पर प्रकाश डालती है। व्यय विधि द्वारा अथवा बाजार की कीमतों पर GDP =C+I+G+ (X-M) जहां (X-M) से अभिप्राय शुद्ध निर्यात से है जो जमा या घटा भी हो सकता है । जहाँ -

C = सेवाओं और टिकाऊ एवं गैर टिकाऊ वस्तुओं पर उपभोक्ता व्यय।

 I = स्थिर पूँजी में निवेश जैसे गैर आवासीय भवन, मशीनरी आदि ।

G = वस्तुओं और सेवाओं पर सरकारी व्यय ।

X= देश के लोगों द्वारा उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं का निर्यात  M = आयात 

(2) साधन लागत पर GDP (GDP at Factor Cost)– साधन लागत पर GDP देश के भीतर सभी उत्पादकों द्वारा शुद्ध मूल्य बढ़ाव ( net value added) का जोड़ होती है। चूंकि शुद्ध मूल्य बढ़ाव उत्पादन साधनों के स्वामियों में आय के रूप में वितरित होता है, इसलिए GDP घरेलू साधन आमदनियों और स्थिर पूंजी उपभोग (अथवा मूल्य ह्रास) का योग है। इसलिये साधन लागत पर GDP = शुद्ध मूल्य बढ़ाव (net value added) + मूल्य हास (depreciation)।

सैद्धान्तिक तौर पर, साधन लागत पर GDP और बाजार कीमत पर GDP दोनों अवश्य समरूप होने चाहिएँ, परन्तु वस्तुओं और सेवाओं का बाजार मूल्य उत्पादन के साधनों की आमदनियों से भिन्न होता है। बाजार कीमत पर GDP में अप्रत्यक्ष कर शामिल होते हैं और सरकारी सब्सिडियां शामिल नहीं होती हैं। इसलिए साधन लागत पर GDP प्राप्त करने के लिए अप्रत्यक्ष कर बाजार कीमत पर GDP में से घटाए जाते हैं और सब्सिडियाँ जमा की जाती हैं। अतः साधन लागत पर GDP = बाजार कीमत पर GDP - अप्रत्यक्ष कर + सब्सिडियाँ

(3) शुद्ध घरेलू उत्पाद (Net Domestic Product : NDP) — शुद्ध घरेलू उत्पाद एक वर्ष के दौरान अर्थव्यवस्था के शुद्ध उत्पादन का मूल्य होता है। प्रति वर्ष उत्पादन प्रक्रिया के दौरान मशीनें, उपकरण औजार, बिल्डिंग, ट्रैक्टर आदि पूंजी पदार्थों का मूल्य हास होता है। इस पूंजी उपभोग का मूल्य, जो सकल निवेश का कुछ प्रतिशत होता है, GDP से घटा दिया जाता है। इस प्रकार शुद्ध घरेलू उत्पाद (NDP) = साधन लागत पर GDP – मूल्यह्रास । 

(4) सकल राष्ट्रीय उत्पाद (Gross National Product: G.N.P.) – सकल राष्ट्रीय उत्पाद के अन्तर्गत किसी देश में एक वर्ष के समस्त वस्तुओं और सेवाओं के उत्पाद को बाजार मूल्य पर शामिल किया जाता है जिसमें विदेशों से प्राप्त शुद्ध आय भी शामिल होती है। सकल राष्ट्रीय उत्पाद में निम्नांकित चार प्रकार की अन्तिम वस्तुएँ और सेवाएँ शामिल हैं—

(i) उपभोक्ता वस्तुएँ और सेवाएँ ।

(ii) सकल निजी घरेलू निवेश।

(iii) सरकारी घरेलू निवेश, तथा (iv) विदेशों से प्राप्त शुद्ध आय । 

(5) बाजार कीमतों पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद (G.N.P. at Market Prices) — यदि एक देश में एक वर्ष में उत्पादित कुल उत्पादन को उसी वर्ष की प्रचलित कीमतों से गुणा कर दिया जाये जो बाजार कीमतों पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद प्राप्त हो जाता है। अतः बाजार कीमतों पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद से अभिप्राय एक देश में वर्ष भर में उत्पादित वस्तुओं एवं सेवाओं के सकल मुल्य + विदेशों से प्राप्त शुद्ध आय से है।

(6) साधन लागत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद (G.N.P. at Factor Cost)—साधन लागत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद एक वर्ष में उत्पादन के विभिन्न साधनों द्वारा उत्पादित और प्राप्त होने वाली आय के मौद्रिक मूल्य का योग है। वास्तव में यह वह आय है जो उत्पादन के साधन केवल अपनी सेवाओं के बदले प्राप्त करते हैं। यह उत्पादन लागत है। अतः साधन लागत पर G.N.P. प्राप्त करने के लिए बाजार कीमतों पर G.N.P. में से परोक्ष कर घटा दिये जाते हैं तथा उपदान में जोड़ दिये जाते हैं। संक्षेप में, साधन लागत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद= बाजार मूल्य पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद- परोक्ष कर + उपदान ।

(G.N.P. FC = G.N.P. 2. MP - Indirect Taxes + Subsidies ) 

(7) शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (Net National Product) - कुल राष्ट्रीय उत्पाद (G.N.P.) में से मूल्य ह्रास (Depreciation) एवं पुरानेपन से होने वाला ह्मस (Obsolescence) घटा--- देने से जो शेष बचता है उसे शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (N.N.P.) कहते हैं। शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद = कुल राष्ट्रीय उत्पाद - हास (N. N. P. = G. N. P. - Depreciation) 

(8) बाजार कीमतों पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (N.N.P. at Market Prices) बाजार कीमतों पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद एक देश में एक वर्ष में अन्तिम वस्तुओं और सेवाओं का बाजार कीमतों पर शुद्ध मूल्य होता है। यदि बाजार कीमतों पर G.N.P. में से मूल्य ह्रास घटा दिया जाये तो बाजार कीमतों पर N.N.P. प्राप्त हो जाता है। संक्षेप में, बाजार कीमतों पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद = बाजार कीमतों पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद- मूल्य हास्

(N. N. P.MP = G. N. P. MP – Depreciation) 

(9) साधन लागत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद ( N. N. P at Factor Cost ) – बाजार मूल्यों पर विशुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद में से परोक्ष कर घटाने व आर्थिक सहायता जोड़ने से जो राशि आती हैं, वह साधन लागत पर विशुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद कहलाती है। इसे देश की राष्ट्रीय आय कहा जाता है। संक्षेप में, 

राष्ट्रीय आय = शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद - परोक्ष कर + आर्थिक सहायता । (N.N.P. PC या NI = N.N.P. - Indirect Taxes + Subsidies ) 

(10) घरेलू आय या उत्पाद (Domestic Income or Product) — उत्पादन के साधनों द्वारा देश के अन्दर देश के ही स्रोतों से अर्जित या उत्पादित आय को घरेलू आय या उत्पाद कहते हैं। इसमें अग्रांकित मदें शामिल होती हैं – (i) मजदूरी, वेतन, किराया, ब्याज और लाभांश, (ii) अवितरित निगम लाभ, (iii) मिश्रित आय, (iv) प्रत्यक्ष कर । राष्ट्रीय आय में से विदेशों से अर्जित शुद्ध आय घटाकर इसे प्राप्त किया जा सकता है। संक्षेप में, 

घरेलू उत्पाद = राष्ट्रीय आय - विदेशों से शुद्ध आय । D. P. = N. I. – Net Income Abroad)

(11) निजी आय (Private Income)—निजी आय से अभिप्राय निजी व्यक्तियों द्वारा उत्पादकीय या अन्य स्रोतों से प्राप्त तथा निगम द्वारा अपने पास रखी गई आय से है। इसे निम्नानुसार ज्ञात किया जाता है -

निजी आय = राष्ट्रीय आय + हस्तान्तरण भुंगतान + सार्वजनिक ऋणों पर ब्याज - सामाजिक सुरक्षा अंशदान - सार्वजनिक क्षेत्रों के लाभांश (P.I. = NI + Transferred Payments + Interest On Public Debt - Social Security Contributions - Profits and Surplus of Public Undertakings)

(12) वैयक्तिक आय (Personal Income) -- एक वर्ष की अवधि में एक देश के सभी व्यक्ति या परिवार जितनी आय वास्तव में प्राप्त करते हैं, उन सभी आयों के योग को वैयक्तिक आय कहते हैं। इसकी गणना निम्न प्रकार की जाती है :- 

वैयक्तिक आय = राष्ट्रीय आय - सामाजिक सुरक्षा कटौती- संयुक्त पूँजी वाली कम्पनियों के लाभ का वह भाग जो शेयरहोल्डर्स में न बाँटा गया हो + हस्तान्तरित भुगतान।

(Personal Income = National Income – Social Contribution - Undistributed Corporation Profits + Transfer Payments.)

(13) प्रति व्यक्ति आय (Per- Capita Income) – किसी देश की एक वर्ष में व्यक्तियों की औसत आय को उस देश की प्रति व्यक्ति आय कहते हैं। किसी वर्ष की राष्ट्रीय आय को उस वर्ष की जनसंख्या से भाग देकर उस वर्ष की प्रति व्यक्ति आय ज्ञात की जा सकती है।

सूत्रानुसार -

Per Capita Income (2001) = National Income (2001)/ Population (2001).

🚩 जय श्री कृष्ण 🚩

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