गुरु तत्व B88


 गुरु तत्व जिसमे विद्यमान है,उसमे गुरुत्वाकर्षण शक्ति विद्यमान है,जो आपके भीतर के अहंकार,अभिमान को आकर्षित कर खींच लेता है।आपमें स्वाभिमान को छोड़कर अन्य सभी प्रकार के मैं भाव को गुरु समाप्त कर देता है।ऐसे सद्गुरु पूज्य अघोरेश्वर भगवान राम को नमन है।

गुरु जननी की तरह होता है,जो अपनी सभी संतानो से समान भाव से प्रेम करने वाला होता है।गुरु पूर्ण तभी होता है,जब वह माँ का प्रतिरूप हो जाता है।माँ के समान गुरु अर्थात माँ गुरु सरकार को नमन।

गुरु तत्व दूसरे के भीतर विद्यमान गुरु तत्व का रहस्योद्घाटन कर देता है।गुरु, गुरु बनाता है,इस सत्य को प्रकाशित करने वाले अघोर पथ प्रदर्शक महाकापालिक अवधूत भगवान राम जी को नमन।

"कुपुत्रो जायेत क्वचिदपि,कुमाता न भवति" को अपने आचार, विचार एवम व्यवहार से चरितार्थ करने वाले पूर्ण माँ रूप माँ गुरु सरकार को नमन।

गुरु तत्व आपसे सिर्फ श्रद्धा की दक्षिणा मांगता है,शेष भौतिक वस्तुएं, व्यवहार और विचारों को सौ गुना आपको आशिर्वाद स्वरूप लौटा देता है।श्रद्धा सहेली के साथ दत्त व शिव स्वरूप माँ गुरु सरकार को नमन, वंदन।

एक अखंड किनाराम,माँ गुरु अघोरेश्वर भगवान राम।

अघोरमित्रमंडल का गुरुपूर्णिमा पर्व पर कोटिशः प्रणाम।

🙏🌹जय श्री कृष्ण🌹🙏


Comments

Popular posts from this blog

don't(Curse) श्राप ना दें ? B227

Sri.Kedarnath dham yatra B224

JOURNEY OF SHRI JAGANNATH DHAM PURI B183