महाजनपद युग भाग-२ B46



अवंती (महाजनपद) -

६१५-६३०ई. में कहा जाता है शंकराचार्य के समकालीन अवंती-नरेश सुधन्वा ने जैनधर्म का उत्कर्ष सूचित करने के लिए प्राचीन अवंतिका का नाम उज्जयिनी कर दिया था , यह केवल कपोल कल्पना मात्र है , मध्यकाल में इस नगरी को मुख्यतः उज्जैन ही कहा जाता था । १७५०-१८१०ई. तक सिंधिया नरेशों का शासन स्थापित था और उज्जैन इनकी राजधानी थी बाद में ग्वालियर को राजधानी बनाया गया ।

             आधुनिक मालवा का प्रदेश जिसकी राजधानी उज्जयिनी और महिष्मति थीं । उज्जैन मध्यप्रदेश का एक प्रमुख नगर है , प्राचीन संस्कृत में एवं पाली साहित्य में अवंति , उज्जयिनी का सैकड़ों बार उल्लेख है । पुराणों के अनुसार अवंति की स्थापना यदुवंशी क्षत्रियों द्वारा की गई थी ।महाभारत काल में सहदेव द्वारा अवंति पर विजय का उल्लेख है ।

            उज्जैन में ही भगवान श्री कृष्ण की शिक्षा भी हुई थी ।               ।। जय श्री कृष्ण ।।  - प्रशान्त जे के शर्मा .

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