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Showing posts from July, 2020

संकट एक वरदान B26

संकट एक मूसलाधार वर्षा की भांति होती है । काला घना बादल सम्पूर्ण आकाश को घेर लेता है । पूर्ण अंधकार छा जाती है । कड़कड़ाती बिजली सम्पूर्ण आकाश को अपनी बाहों में ले लेती है । आकाश बिजली से गरजता रहता है ।            पृथ्वी जल से भीग जाती है एवं भर जाती है । आप वर्षा के जल के कारण सरल चल भी नहीं पाते हैं।              जब वर्षा ठहरती है तब आकाश में इंद्रधनुष दिखता है। यह आनंद का प्रतिक होता है । मिट्टी के सुगन्ध से वातावरण आनंदित हो जाता है ।               संकट भी एक वरदान होता है । यह परीक्षा ईश्वर हर एक व्यक्ति की लेते हैं । जो व्यक्ति संकट का सामना करता है । उसी का "यश" - परिवार , समाज , पृथ्वी पर सदैव बढ़ता ही रहता है । -   पावन खिंड से प्रशांत जे के शर्मा. ।। जय श्री कृष्ण ।।

व्यवसाय प्रबंधन B25

" किसी व्यवसाय की सफलता का मूलमंत्र है - कंपनी केे लीडर को कार्ययोजनाओं पर अमल करवाना " ।  एवं किसी व्यवसाय में योजना बनाने से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है उस पर अमल करना । ८०प्रतिशत व्यवसाय योजनाओं की कमी के बजाय उन्हें अमल में लाने की खामी से डूबते हैं। इस कारण कंपनी के लीडर को योजना के क्रियान्वयन पर अधिक समय देना चाहिए ।          किसी भी व्यवसाय की सफलता का मंत्र है कि "सही व्यक्ति को सही कार्य सौंपा जाए ।" व्यवसाय को सफल बनाने के लिए सबसे पहले लक्ष्य निर्धारित करें । यह लक्ष्य स्पष्ट होना चाहिए कि आखिर उससे क्या आशा करते हैं । तत्पश्चात कार्ययोजना बनाई जानी चाहिए ।          कार्ययोजना में डायरेक्टली रिस्पॉन्सिबल इंडिविजुअल्स ( डी आर आई )  का पालन करना जरूरी है । इसमें यह तय होता है कि किस काम के लिए कौन जिम्मेदार है । काम की जिम्मेदारी देने के साथ ही 'की परफॉर्मेंस इंडिकेटर्स ' (के पी टी )  का निर्धारण होना चाहिए । इसमें हर व्यक्ति के काम के स्तर की गणना होती है । हर सप्ताह इसका आंकलन होना चाहिए । इसके माध्यम से ही पुरस...

शक्तिशाली B24

 यस्याश्वा तस्य राज्यं , यस्याश्वा तस्य मेदिनी|  यस्याश्वा तस्य सौख्यं , यस्याश्वा तस्य साम्राज्यम्|                                        -    पावनखिंड से                               अर्थात " जिसके पास घोड़ा , उसके पास राज्य , उसके पास ऐश्वर्य ,उसके पास सुख , उसके पास साम्राज्य - वहीं होगा राजा " । राजे , जिसके पास यह सम्पत्ति होती है , उसका राज्य अजेय बना रहता है , यह कभी मत भूलना । यह बात राजा शहाजी भोसले ने अपने बेटे छत्रपति शिवाजी महाराज से बोली थी । राजा शहाजी के अनुसार उस समय घोड़ा एक वाहन तो था एवं साथ ही साथ वह शक्ति भी था ।           " कहने का तात्पर्य है - जिसके पास शक्ति (POWER) है , लोगों का संगठन है , वहीं भविष्य में शासन करेगा " । प्रशांत जे के शर्मा. ।। जय श्री कृष्ण ।।

समर्थन B23

यदि आप अपने साथ के लोगों के लिए ईर्ष्या , बैरभाव रखोंगे तो तुम्हारा काम नहीं चल सकेगा ।क्योंकि आज हो या कुछ वर्षों के पश्चात आपको इन्हीं लोगों के समर्थन , सलाह से एक एक कदम आगे बढ़ाना होगा । प्रशांत जे के शर्मा. ।। जय श्री कृष्ण ।।

साथ B22

यदि संकट में कोई भी अपने भाई का साथ छोड़ दें तो उस पर सहज विश्वास नहीं करना चाहिए। एवं यदि शरीर में कोई रोग बीमारी हो जाती है तो उसके चलते उस अंग को कोई काट नहीं देता । उसी प्रकार भाई जैसा भी हो उसका साथ नहीं छोड़ना चाहिए । क्योंकि कुटुम्ब , वैभव , सुख - शांति , साम्राज्य का वास्तविक सुख भाई के साथ के कारण प्राप्त होती है । "यहीं साथ परिवार का महागठन करता है" प्रशांत जे के शर्मा. ।। जय श्री कृष्ण ।। @Copyright

जड़ B21

आज वर्तमान में कमाने के लिए सभी लोग अपना घर गांव छोड़कर बाहर महानगर चले गए हैं । दादा ,परदादा , पिता ने गांव पर खेती , जमीन , जायदाद सब बनाया हैं । कमाने की धुन में सभी महानगरों में जाकर गांव को भूल रहे हैं परंतु समय - समय पर हम आप समय निकालकर गांव जाकर वहां की देखभाल करते हैं । सभी समाज के लोगों से , नात- रिश्तेदारों से मिलते है समाज के शादी समारोह , त्योहार , जीवन-मरण में सम्मलित होते हैं । इससे हम अपने गांव के जड़ से जुड़े रहते है। समाज में आने जाने से व्यक्ति के परिवार , खानदान को जाना जाता है । जब आप अपने बच्चों को समाज में सबसे मिलवाते है तो आपका परिवार गांव के जड़ से  जुड़ा रहता है एवं जाना जाता है । आज आपको महानगर में कितने लोग जानते है ? वहीं गांव में आपको आपके खानदान, परिवार, नात - रिश्तेदारों , समाज के लोगों से जाना जाता है । जब हम अपने गांव के लोगों के विवाह समारोह , जीवन मरण , त्योहार में आना जाना बंद कर दें तो धीरे धीरे सब समाप्त हो जाएगा। आपका जड़ आप का गांव है , यदि जड़ समाप्त तो वृक्ष समाप्त । आप अपने जड़ अपने गांव से जुड़े रहें । वही आपकी पहचान एवं शक्ति है । प्रशांत जे क...

भगवान परमहंस B20

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स्वामी श्रीरामकृष्ण परमहंस भगवान एवं माँ सारदा देवी अपने१६ शिष्यों के साथ , साष्टांग प्रणाम देव भक्ति दो प्रभु , दया करो प्रभु     🙏🌼🌺🌻🌺🌼🙏

ऐसा दान ना करें B19

ग्रहों की स्थिति के विपरीत यदि दान कर्म किया जाए तो वह और भी बुरा प्रभाव देता है , ऐसे में हमारे द्वारा किया गया दान हमें अच्छा फल देने की बजाय , बुरा फल देना आरंभ कर देता है और हमें इस बात का पता भी नही चलता । ज्योतिष विद्या के अनुसार जन्म कुंडली में जो ग्रह उच्च राशि या अपनी स्वयं की राशि में स्थित हो , उनसे सम्बंधित वस्तुओं का दान व्यक्ति को कभी भूलकर भी नहीं करना चाहिए । यह दान हानि ही देगा , आवश्यक है दान उसी व्यक्ति को करें जो व्यक्ति दान की गई वस्तु का उपयोग करें । प्रशांत जे के शर्मा. ।। जय श्री कृष्ण ।।

७ विशेष दान B18

हम कुछ विशेष छोटे उपाय कर  आवश्यक दान कर के जीवन के समस्या का समाधान कर सकते है - १- स्वास्थ्य एवं आयु की समस्या के लिए -       अन्न एवं जल का दान करें । २- दुर्घटना से रक्षा के लिए -      काले तिल का दान करें । ३- रोज़गार की प्राप्ति के लिए -      प्रकाश का दान करें ( तुलसी के नीचे या मंदिर में दीपक       जलाएं ) । ४- शीघ्र विवाह के लिए -      सुहाग की वस्तुओं का दान करें । ५- संतान प्राप्ति के लिए -      वृक्ष लगाएं एवं नियमित जल दान करें ( जल डालें ) । ६- मुक़दमे में विजय प्राप्ति के लिए -      मीठी वस्तुओं ( मिष्ठान ) का दान करें । ७- दुर्भाग्य दूर करने के लिए -      अन्न का दान करें । ये कुछ छोटे विशेष उपाय करने से हम अपने जीवन को सरल बना सकते है एवं अपने घर परिवार को सुख शांति दे सकते है । प्रशांत जे के शर्मा. ।। जय श्री कृष्ण ।। @Copyright