सूर्यग्रहण 21 June2020. B9
२१ जून को सूर्यग्रहण लगेगा यह ग्रहण पूर्ण ग्रहण होगा इस कारण दिन में रात का वातावरण दिखाई देगा सूर्यग्रहण में सूर्य ९८.६ प्रतिशत ढक जाएगा। ग्रहण के ग्रहण स्पर्श काल से १२ घंटे पूर्व ग्रहण सूतक लगता है। मंदिर ग्रहण के चलते २१ जून प्रात: काल से बंद रहेंगे ।ग्रहण काल में घी का दीपक जलाकर देव प्रतिमा के समक्ष अपने ईष्ट देवता का मंत्र जपने से सिद्धि प्राप्त कर सकते हैं। ग्रहण के समय खाद्य पदार्थ में तुलसी पत्र रख देना चाहिए , इससे भोजन की शुद्धता बनी रहती है। ग्रहण के पश्चात अन्न या धन का दान निर्धन के लिए स्पर्श कर रख दें एवं देव प्रतिमा को स्नान करा कर पूजा पाठ करें , इस प्रकार ग्रहण का सूतक समाप्त होता है।
*लखनऊ में ग्रहण का समय प्रात: १०.२७ से प्रारम्भ होगा एवं १२.१२पर मध्य होगा तत्पश्चात दोपहर १.५८ पर ग्रहण की समाप्ति होगी*
वैसे देखा जाए तो सम्पूर्ण भारत में ग्रहण का प्रभाव प्रात:९.१५ से दिन में दोपहर ३.०३ मिनट तक रहेगा।
ग्रहण में पराबैंगनी किरणें (Altra Violate Rays) नेत्र एवं त्वचा को क्षतिग्रस्त कर सकती हैं इस कारण ग्रहण को ना देखें न बाहर निकलें।
उसी दिन सायंकाल ४ बजे के पश्चात मंदिर के कपाट खुलने लगेंगे।
ग्रहण को सब लोग नकारात्मक रूप से लेते है इसी कारण मैंने यह नहीं लिखा है की किन किन राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा मेरे विचार से तो ईश्वर किसी का भी हानी नहीं कर सकते।
यद्यपि मन में शंका हो रही है तो आपको केवल एक मंत्र बोलकर स्नान कर लेना हैं जिससे की हम पर ग्रहण का कोई भी दुष्प्रभाव नहीं पड़ेगा आप अपने कुल देवता कुल देवी का ध्यान कर यह मंत्र बोलें
ॐ सूर्याय नमः इंद्रो: नल: दण्डराज प्रसिदतो वायु कुबेर ईशा:
मन्नजन्मा रूक्से ममरासी समस्ते अरगोब्रम्ह शमयनतु सर्वे: ।।
इस मंत्र का जाप करने से ग्रहण का कोई भी नकारात्मक प्रभाव हमें छू भी न सकेगा आप एवं आपका प्यारा परिवार स्वस्थ सुखी , सुख- समृद्धि के साथ रहेगा।
अक्सर कई ज्योतिष उपाय एक साथ पढ़ने पर व्यक्ति असमंजस में पड़ जाता है कि आखिर उसके लिए क्या उचित है और क्या अनुचित।
व्यक्ति अगर अपनी राशि के अनुसार मंत्र जाप करे तो निसंदेह शीघ्र सफलता मिलती है। मंत्र पाठ से व्यक्ति कई प्रकार के संकट से मुक्त रहता है। आर्थिक रूप से संपन्न हो जाता है।
साथ ही जो लोग आपकी राह में बाधा उत्पन्न करते हैं वह भी कमजोर हो जाते हैं। प्रस्तुत है आपकी राशि के अनुसार अचूक दिव्य मंत्र, इसे जपने के पश्चात किसी अन्य पूजा या तंत्र की आवश्यकता नहीं है।
आगे पढ़ें किस राशि का कौन-सा मंत्र :-
मेष : ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीनारायण नम:
वृषभ : ॐ गौपालायै उत्तर ध्वजाय नम:
मिथुन : ॐ क्लीं कृष्णायै नम:
कर्क : ॐ हिरण्यगर्भायै अव्यक्त रूपिणे नम:
सिंह : ॐ क्लीं ब्रह्मणे जगदधारायै नम:
कन्या : ॐ नमो प्रीं पीताम्बरायै नम:
तुला : ॐ तत्व निरंजनाय तारक रामायै नम:
वृश्चिक : ॐ नारायणाय सुरसिंहायै नम:
धनु : ॐ श्रीं देवकीकृष्णाय ऊर्ध्वषंतायै नम:
मकर : ॐ श्रीं वत्सलायै नम:
कुंभ : ॐ श्रीं उपेन्द्रायै अच्युताय नम:
मीन : ॐ क्लीं उद्धृताय उद्धारिणे नम:
प्रशांत जे के शर्मा.
।। जय श्री कृष्ण ।।
Comments
Post a Comment