जीने का ढंग B114

 🌹 भागने पर ग्रह पीछा करता है, रुकने पर रुक जाता है।

🌹 किसी का पीछा मत करो,यह अन्धे करते हैं।

🌹 सत्य को जानने वाले से ही सत्य बोलो ।

🌹 संकल्प सिद्धि है ,संकल्प करो इच्छा नहीं ।

🌹 किसी से सहायता की आशा मत करो ।

🌹 तन मन से स्वस्थ रहने की कामना करो ।

🌹 जो कुछ मिला है ,उसके लिए नित्य नमन करो ।

🌹 कम बोलना सीखो , सही बोलना आ जावेगा ।

🌹 भटको मत कोई स्थान तो अपना बनाओ ।

🌹 क्या सोचते हो , चल दो पहुंच जावोगे ।

🌹 जहां जाना चाहते हो , वहीं देखो , वहीं सोचो वरना भटक जावोगे ।

🌹 सोच विचार कर निर्णय ,फैसला करो ,निर्णय लो तो निबाहो ।

🌹 सोचो कि दुनिया में क्या तुम्हारा है , कौन तुम्हारा है।

🌹 सहारा उसका लो जो तुम्हें बेसहारा न बना दे ।

🌹 किसी की बुराई न देखो ना सुनो ।

🌹 बुरे के अच्छे काम में सहयोग करो , उसे सुधारने का अवसर मिल जावेगा ।

🌹 किसी से मिलने के पहले अपने पर विचार करो ।

🌹 साथ रहकर भी अकेला होना अच्छा है , सीखो ।

🌹 गन्दा व्यवहार सबसे पहले गन्दा करने वाले को प्रभावित करता है , बाद में औरों को ।

🌹 आतुरता भयानक है चाहे वह इस परिस्थिति में हो ।

🌹 दूसरे के भरोसे किसी काम की शुरुआत मत करो अपने पर ही भरोसा करो ।

🌹चुप रह कर देखो , प्रकृति पर विश्वास बढ़ेगा।

🌹 कुछ कहना है तो सिर्फ एक से कहो वहीं सुनेगा ।

🌹मन में प्रश्न न उठना शान्त चित्त का लक्षण है ।

🌹 अपने कर्मों में विश्वास करो , क्षमता बढ़ती है ।

🌹लक्ष्य सही होने पर मार्ग मिल जाता है ।

🌹 समय को पहचानो न देर क्यों न जल्दी ।

🌹प्रयास से भी आदमी मरता है और पानी में डुब कर भी । पानी , की अधिकता और कमी दोनों खराब है । समरस की कामना करो ।

🌹जो कार्य खुद नहीं कर सकते उसे दूसरों को करने की शिक्षा मत दीजिए ।

🌹 प्रातः उठने से पहले शान्त रहिये ।

🌹 अपने रहने और चलने का तरीका खुद बनाओ ।

🌹 अपने को समझने के लिए आकाश की ओर देखो ।

🌹जो तुम देखते हो , वह कह नहीं सकते ।

🌹 काम करना सिखावो आराम करना नहीं ।

🌹 किसी का भरोसा मत करो तुम अपना काम स्वयं कर सकते हो गौर से देखो ।

🌹 तुम्हें सब नहीं पहचान सकते इसलिए उपयुक्त व्यवहार में कमी उनका दोष नहीं है । कम मिलो कम चलो , कम देखो , कम सुनो धीरे-धीरे सब कम हो जावेगा 

🌹 अच्छे तरीके से काम करना ही सफलता है ।

🌹 शरीर का भरोसा मत करो ।

🌹 संसार को समझने के पहले समझने लायक बनो ।

🌹 जब तुम अपने नहीं हो तो यहां तुम्हारा कोई नहीं है ।

🌹 स्वयं स्वतंत्र बनो और फिर दूसरों को स्वतन्त्र बनाने की सोचो ।

🌹 सहायता की भीख मत मांगो , धीरज रखो और देखो।

🌹 तुम्हे जीना सीखना है ।

🌹 संसार के भिन्न-भिन्न अवस्थानों को समझो ।

🌹 एकान्त का मजा लो यह सबसे अधिक मनोरंजक है।

🌹 समान व्यवहार करो जरूरत वाले की मदद हो जावेगी ।

🌹सत्य प्रयास से चित्त की चंचलता पर काबू पाया जा सकता है ।

🌹 जीवन एक यात्रा है , जिसका लक्ष्य भी निर्धारित है ।

🌹 दुनिया में यदि कुछ चाहो तो सहनशीलता हो यही सच्चा सुख होगा ।

🌹 अपने से बड़ों के साथ रखकर सड़क बनने की कोशिश सर्वथा त्याज्य है। वैसे तो कहीं यह व्यवहार खराब है । सरलता प्रशंसनीय होती है , प्रभावशाली होती है । बनने से असलियत जाती है , पर बनावट का पर्दाफाश हो जाता है ।

🌹जो मनुष्य अपनी क्षमता से अधिक सोचता है वह समय की हत्या करता है और अपना भविष्य बिगाड़ता है।

🌹क्या सोचते हो , सब निश्चित है करते रहो , चलते रहो।

🌹 मन न चले इसकी भी एक कला है ,सीखो ( शान्त )

🌹 जो शुरू किये हो उसे पूरा करो , वरना बहुत कुछ अधूरा रह जावेगा ।

🌹 क्या करना ,क्या नहीं करना ,असमंजस है ,असमंजस में मत रहो ।

🌹 कल की तारीख व दिन जानने के लिए आज के तारीख व दिन का ज्ञान आवश्यक है । ठीक इसी तरह कल बनाने के लिए आज पर विचार आवश्यक है । 

🌹 किसी के जीवन में एकान्तवास और शून्यता आवश्यक है ।

🌹 जिसने पिछली घटनाओं से कुछ सीखा नहीं उसे कठिनाई का सामना करना पड़ेगा ।

🌹 जीवन में विश्वास तो मनचाही बात की मूर्ति से होता है ।

🌹 जीवन को व्यवहार में उतारो , हवा में मत सोचो ।

🌹 साथ वाला क्या सोचता है क्या कहता है, सोचो ।

🌹 ऐसा काम न करो जिसे बाद में भूलने की कोशिश करनी पड़े ।

🌹 भय कमजोरी है , यह तुम्हें विचलित करता है ।

🌹 अपने में रहने से आयु बढ़ती है ।

🌹 शरीर को मन से अलग रखो ।

🌹 सबसे अधिक और ठोस सीख तो मनुष्य को अपनी करनी और रहनी से ही मिलता है ।

🌹 सभी लगाव अस्थाई है पर जीवन में गम्भीर परिवर्तन लाने में सक्षम है ।

🌹जीने का तरीका किसी का नकल करना नहीं । नकल करके कोई भी मानव जिसकी नकल की जाती है उसकी तरह नहीं बन सका । सबसे अच्छा तरीका नित्य अपना अध्ययन करना है , इससे शरीर के अन्दर छिपी हुई निधि बाहर आती है और उससे जीने का ढंग मिलता है ।

🌹 किसी के गुनाह में रुचि लेना अपने गुनाह से अधिक खतरनाक है ।

🌹 स्पष्ट हो कि यही करना है तो सब कुछ हो जावेगा।

🌹 जीवन में अप्रत्याशित घटना कभी भी हो सकती है विकास के लिए या विनाश के लिए इससे सावधान रहने की जरूरत है । कोई भी घटना पहले से यही संकेत देती है ।

🌹 आदमी नंगा रहकर सुखी रह सकता है सोना से अपने को ढक कर नहीं ।

गुरु --- वाणी जीने का ढंग (रहनी) विषय सूची---३१

🙏🌹जय श्री कृष्ण🌹🙏

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