गुरु ने कहा,"मेरे बच्चे, यदि तुम भगवत्प्राप्ति की इच्छा रखते हो, तो अवश्य ही तुम्हें भगवान का लाभ होगा ।"शिष्य ने गुरु का मन्तव्य पूर्णतया नहीं समझा। एक दिन दोनों नहाने के लिए एक नदी में गये । गुरु ने शिष्य से कहा , "डुबकी लगाओ"और शिष्य ने डुबकी लगायी। एकदम गुरु ने शिष्य के सिर को पकड़ लिया और उसे पानी में डुबाये रखा । उन्होंने शिष्य को ऊपर नहीं आने दिया । जब वह लड़का ऊपर आने की कोशिश करते-करते थक गया, तब गुरु ने उसे छोड़ दिया और पूछा, "अच्छा, मेरे बच्चे, बताओ तो सही तुम्हें पानी के अन्दर कैसा लग रहा था ? " "ओफ़! एक साँस लेने के लिए मेरा जी निकल रहा था।" "क्या ईश्वर के लिए भी तुम्हारी इच्छा उतनी ही प्रबल है ? " "नहीं गुरु जी ।" गुरु जी ने कहा "तब ईश्वर प्राप्ति के लिए वैसी ही उत्कट इच्छा रखो , तुम्हें ईश्वर के दर्शन होंगे।" जयश्रीभगवान रामकृष्ण परमहंस देव , जयश्री माँ सारदा देवी मन की शक्तियां तथा जीवन- गठन की साधनाएँ 🙏🌼🌺🙏जयश्रीस्वामी विवेकानंद देव 🙏🌺🌼🙏