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Showing posts from December, 2020

कल्पतरु दिवस B64

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१जनवरी१८८६ ई. के दिन दक्षिणेश्वर माँ काली मन्दिर में भगवान श्रीरामकृष्ण देव ने अपने अनेक गृही भक्तों को विभिन्न आध्यात्मिक अनुभूतियाँ प्रदान की थीं । तभी से प्रतिवर्ष यह दिन " कल्पतरु दिवस " के रूप में मनाया जाता है । जयश्री भगवान रामकृष्णपरमहंस देव  , माँ , स्वामी जी साष्टांग प्रणाम भक्ति दो प्रभु दया करो प्रभु  🙏🌼🌺🌼🙏

ईश्वर प्राप्ति B63

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    गुरु ने कहा,"मेरे बच्चे, यदि तुम भगवत्प्राप्ति की इच्छा रखते हो, तो अवश्य ही तुम्हें भगवान का लाभ होगा ।"शिष्य ने गुरु का मन्तव्य पूर्णतया नहीं समझा। एक दिन दोनों नहाने के लिए एक नदी में गये । गुरु ने शिष्य से कहा , "डुबकी लगाओ"और शिष्य ने डुबकी लगायी। एकदम गुरु ने शिष्य के सिर को पकड़ लिया और उसे पानी में डुबाये रखा । उन्होंने शिष्य को ऊपर नहीं आने दिया । जब वह लड़का ऊपर आने की कोशिश करते-करते थक गया, तब गुरु ने उसे छोड़ दिया और पूछा, "अच्छा, मेरे बच्चे, बताओ तो सही तुम्हें पानी के अन्दर कैसा लग रहा था ? " "ओफ़! एक साँस लेने के लिए मेरा जी निकल रहा था।" "क्या ईश्वर के लिए भी तुम्हारी इच्छा उतनी ही प्रबल है ? " "नहीं गुरु जी ।" गुरु जी ने कहा "तब ईश्वर प्राप्ति के लिए वैसी ही उत्कट इच्छा रखो , तुम्हें ईश्वर के दर्शन होंगे।"   जयश्रीभगवान रामकृष्ण परमहंस देव ,  जयश्री माँ सारदा देवी मन की शक्तियां तथा जीवन- गठन की साधनाएँ  🙏🌼🌺🙏जयश्रीस्वामी विवेकानंद देव 🙏🌺🌼🙏

SACCHA MITRA B62

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  सच्चा मित्र- ( एक कड़वी सच्चाई ) :- वर्तमान में मित्र की परिभाषा क्या है ? क्या आप सभी ने कभी सोचा है सच्चा मित्र कौन है ? आप कहेंगे कि मित्र - साथ में पढ़ने वाला है , साथ में खेलने वाला है , शोशल मीडिया पर रहने वाला , मेरा मित्र है । कार्यालय में साथ में काम करने वाला मेरा मित्र है , कहीं किसी नए नगर में गये वहाँ पर किसी ने सहायता कर दी वह मेरा मित्र बन गया । किसी ने कुछ भेंट कर दिया वह मित्र बन गया । ये जो मित्र शब्द है इसे हम बड़े आसानी से परिभाषित कर देते हैं । ये मित्र नही होते हैं ये समय समय पर मतलब, परिस्थिति ,वर्तमान समय की मांग कह लें, कभी कभार आपके लिए किसी परिस्थिति पर खड़े हो जाएं बस आपके काम आ जाएं तो हम समझ लेते हैं की क्या मित्र है । ऐसा व्यक्ति मित्र नही बस एक जान पहचान वाला व्यक्ति कहलाता है और कुछ नहीं ।यह एक कड़वी सच्चाई है परन्तु इनमें से कई लोग मेरी बातों से सहमत न हो किन्तु कहानी के अंत तक आते आते  मन के किसी कोने में मेरी बातों से सहमत तो होंगे लेकिन इसे प्रकट नहीं करेंगे । सबसे पहले साथ में पढ़ने वाला मित्र। वह मन ही मन आप से प्रतिस्पर्धा रखता है आप से ज्या...