उज्जैन स्वर्ग है क्यौ है जानते हैं ? एक मात्र स्थान जहाँ शक्तिपीठ भी है, ज्योतिर्लिंग भी है, कुम्भ महापर्व का भी आयोजन किया जाता है ।यहाँ साढ़े तीन काल विराजमान है। "महाकाल,कालभैरव, गढ़कालिका और अर्धकाल भैरव।" यहाँ तीन गणेश विराजमान है। "चिंतामन,मंछामन, इच्छामन" यहाँ 84 महादेव है,यही सात सागर है। ये भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा स्थली है। ये मंगल ग्रह की उत्पत्ति का स्थान है। यही वो स्थान है जिसने महाकवी कालिदास दिए।उज्जैन विश्व का एक मात्र स्थान है । जहाँ अष्ट चरिंजवियो का मंदिर है,यह वह ८ देवता है जिन्हें अमरता का वरदान है (बाबा गुमानदेव हनुमान अष्ट चरिंजीवि मंदिर)।राजा विक्रमादित्य ने इस धरा का मान बढ़ाया।विश्व की एक मात्र उत्तर प्रवाह मान क्षिप्रा नदी!इसके शमशान को भी तीर्थ का स्थान प्राप्त है *चक्र तीर्थ* ।और तो और पूरी दुनिया का केंद्र बिंदु* _(Central Point)_ है ।महाकाल जी का मंदिर ।उज्जैन का प्राचीन नाम है- *अवंतिका*, *अवंति*, *अवंतिकापुरी*। ।। जय श्री कृष्ण ।। *जय श्री महाकाल* 🕉🔱🌹🔱🕉 प्रशांत जे के शर्मा