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Showing posts from September, 2020

श्री माँ सारदा शक्ति B38

वह ( श्री माँ ) सारदा है -  सरस्वती है । ज्ञान देने के लिये आई है। ये जो मन्दिर में माँ (काली) है , और जो नौबतखाने में है (श्री माँ ) - अभेद है । नौबतखाने में जो (श्री माँ ) है , यदि किसी कारण से वह किसी पर रुष्ट हो जाए तो उसकी रक्षा करने की मेरी भी क्षमता नहीं है ।                                            - श्री स्वामी राम कृष्ण परमहंस ।। जय श्री कृष्ण ।। प्रशांत जे के शर्मा 

आज का परिवेश B37

आज के परिवेश में मनुष्य का जो स्वभाव है , ( दाँतो के बीच में जैसे जीभ को काट कर नहीं हटाया जा सकता ) उसी प्रकार हमें धूर्त मनुष्यों के बीच में रहते हुए। शान्ति और धीरज से काम लेना चाहिए ।             अगर आप देखें हमारी हाथ की उंगलियां एक सी नहीं होती है , इस कारण कोई एकाध उंगली को अलग निकाल नहीं देता ।हमें अपनी सभी इच्छाओं को दबाकर अच्छे बुरे मनुष्यों को , सबको साथ लेकर चलना पड़ता है । ।। जय श्री कृष्ण ।। प्रशांत जे के शर्मा  @Copyright

अवंतिका B36

 उज्जैन स्वर्ग है क्यौ है  जानते हैं ?  एक मात्र स्थान जहाँ शक्तिपीठ भी है, ज्योतिर्लिंग भी है, कुम्भ महापर्व का भी आयोजन किया जाता है ।यहाँ साढ़े तीन काल विराजमान है। "महाकाल,कालभैरव, गढ़कालिका और अर्धकाल भैरव।"  यहाँ तीन गणेश विराजमान है।  "चिंतामन,मंछामन, इच्छामन" यहाँ 84 महादेव है,यही सात सागर है। ये भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा स्थली है। ये मंगल ग्रह की उत्पत्ति का स्थान है। यही वो स्थान है जिसने महाकवी कालिदास दिए।उज्जैन विश्व का एक मात्र स्थान है । जहाँ अष्ट चरिंजवियो का मंदिर है,यह वह ८ देवता है जिन्हें अमरता का वरदान है (बाबा गुमानदेव हनुमान अष्ट चरिंजीवि मंदिर)।राजा विक्रमादित्य ने इस धरा का मान बढ़ाया।विश्व की एक मात्र उत्तर प्रवाह मान क्षिप्रा नदी!इसके शमशान को भी तीर्थ का स्थान प्राप्त है *चक्र तीर्थ* ।और तो और पूरी दुनिया का केंद्र बिंदु* _(Central Point)_ है ।महाकाल जी का मंदिर ।उज्जैन का प्राचीन नाम है- *अवंतिका*, *अवंति*, *अवंतिकापुरी*। ।। जय श्री कृष्ण ।। *जय श्री महाकाल* 🕉🔱🌹🔱🕉 प्रशांत जे के शर्मा