ॐ शब्द का महत्व B34

 *ॐ का महत्व *

ॐ , ओउम् तीन अक्षरों से बना है,

 अ उ म् 

"अ" का अर्थ है उत्पन्न होना,

"उ" का तात्पर्य है उठना, 

उड़ना अर्थात् विकास, 

"म" का मतलब है मौन हो जाना अर्थात् "ब्रह्मलीन" हो जाना,

ॐ सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति और पूरी सृष्टि का द्योतक है।

ॐ का उच्चारण शारीरिक लाभ प्रदान करता है।

जानिए ॐ कैसे है स्वास्थ्यवर्द्धक 

और अपनाएं आरोग्य के लिए ॐ के उच्चारण का मार्ग...

*1. ॐ और थायराॅयडः-*

 ॐ का उच्‍चारण करने से गले में कंपन पैदा होती है जो थायरायड ग्रंथि पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।

*2. ॐ और घबराहटः-*

 अगर आपको घबराहट या अधीरता होती है तो ॐ के उच्चारण से उत्तम कुछ भी नहीं।

*3. ॐ और तनावः-*

 यह शरीर के विषैले तत्त्वों को दूर करता है, अर्थात तनाव के कारण पैदा होने वाले द्रव्यों पर नियंत्रण करता है।

*4. ॐ और खून का प्रवाहः-*

 यह हृदय और ख़ून के प्रवाह को संतुलित रखता है।

*5. ॐ और पाचनः-*

 ॐ के उच्चारण से पाचन शक्ति तेज़ होती है।

*6. ॐ लाए स्फूर्तिः-*

 इससे शरीर में फिर से युवावस्था वाली स्फूर्ति का संचार होता है।

*7. ॐ और थकान:-*

 थकान से बचाने के लिए इससे उत्तम उपाय कुछ और नहीं।

*8. ॐ और नींदः-*

 नींद न आने की समस्या इससे कुछ ही समय में दूर हो जाती है। रात को सोते समय नींद आने तक मन में इसको करने से निश्चिंत नींद आएगी।

*9. ॐ और फेफड़े:-*

 कुछ विशेष प्राणायाम के साथ इसे करने से फेफड़ों में मज़बूती आती है।

*10. ॐ और रीढ़ की हड्डी:-*

 ॐ के पहले शब्‍द का उच्‍चारण करने से कंपन पैदा होती है। इन कंपन से रीढ़ की हड्डी प्रभावित होती है और इसकी क्षमता बढ़ जाती है।

*11. ॐ दूर करे तनावः-*

 ॐ का उच्चारण करने से पूरा शरीर तनाव-रहित हो जाता है।

प्रशांत जे के शर्मा 

।। जय श्री कृष्ण ।।

🙏🏻

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