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बुरी आत्मा की साया B139

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             🙏🌺जय श्री भगवान राम अवधूत🌺🙏 🌷अपने गुरू द्वारा दिया गया इष्ट मन्त्र जपने के पश्चात् हवन करते हैं । हवन के समय तीन अंगुलियों से ( बुराई देखने वाली अंगुली को छोड़कर ) सावधानी पूर्वक आहुति देनी चाहिये । हवन सामग्री को फेंकने जैसी हाथ की मुद्रा नहीं होनी चाहिये । अग्नि की पत्नी ( स्वाहा ) के नाम पर आहुति के समय अन्त में स्वाहा बोलना चाहिये । एक हाथ से यह नहीं होना चाहिये । जिसके पास एक ही हाथ हो, उसे मनसा दूसरा हाथ वहाँ पर रख लेना चाहिये । प्रायः ऐसे अंग-भंग लोगों के अधिकार क्षेत्र की यह बात नहीं है फिर भी यदि मन में श्रद्धा है तो कर सकते हैं । उसके लिये कोई प्रतिबंध नहीं है । अपने गुरू द्वारा दिये गये इष्ट मन्त्र को जपने के पश्चात्----  आकाश शान्तिः, पृथ्वी शान्तिः, चारों दिशायें शान्तिः, नदि शान्तिः, पर्वत शान्तिः, वनस्पति शान्तिः इत्यादिक सबके लिये शान्ति-पाठ कर के शान्ति आहुति देकर और ग्राम, नगर क्षेत्र तथा उस स्थान आदि की जो बुरी आत्माएँ हैं उन सभी आत्माओं को शान्त करने के पश्चात् तब फिर अपने मन्त्र का जाप करके और अन्त में स्वाहा...